8th Pay Commission : सरकारी नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खबर है! केंद्र सरकार जल्द ही 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लागू करने की तैयारी में है।
मौजूदा 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था और इसका कार्यकाल दिसंबर 2025 में खत्म हो रहा है। यानी 2026 की शुरुआत से नए वेतनमान पर चर्चा तेज़ हो जाएगी – और कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन बढ़ेगा भी।
क्या होता है वेतन आयोग और क्यों होता है ज़रूरी?
वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्तों की समीक्षा करता है और सुझाव देता है कि किसे कितना मिलना चाहिए।
इसका मकसद है महंगाई के साथ तालमेल बिठाना और कर्मचारियों की आर्थिक हालत सुधारना। हर कुछ सालों में नया वेतन आयोग आता है ताकि सरकारी वेतन प्राइवेट सेक्टर से बहुत पीछे न रह जाए।
इस बार कितना बढ़ेगा वेतन? जानिए “फिटमेंट फैक्टर” की भूमिका
सबसे चर्चित टॉपिक है – फिटमेंट फैक्टर। ये वही फॉर्मूला है जिससे सैलरी में असली उछाल आता है। इसे आसान भाषा में समझें तो यह एक गुणनांक (multiplier) है जिससे पुरानी बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है।
- 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था
- 6ठा आयोग में यह 1.86 था
- 8वें वेतन आयोग में संभावना जताई जा रही है कि यह 3.0 या उससे ज्यादा हो सकता है
एक उदाहरण से समझें
अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹10,000 है और फिटमेंट फैक्टर 3.0 होता है, तो नई सैलरी सीधे ₹30,000 हो जाएगी। यानी बिना किसी प्रमोशन या पोस्ट बदले सैलरी में तगड़ी बढ़त!
कर्मचारियों की क्या उम्मीदें हैं?
सरकारी कर्मचारी यूनियन और संगठन ये मांग कर रहे हैं कि:
- DA (महंगाई भत्ता) को बेसिक में जोड़कर नई गणना की जाए
- फिटमेंट फैक्टर 3.0 या ज्यादा हो
- वेतन संशोधन से पेंशनरों को भी लाभ मिले
- नए आयोग में पारदर्शिता और समय पर लागू करने की गारंटी हो
अभी क्या स्थिति है?
सरकार ने अभी तक आधिकारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन या सदस्यों की घोषणा नहीं की है, लेकिन अंदरूनी हलचल ज़ोरों पर है। 2025 के अंत तक सारी प्रक्रिया शुरू हो सकती है ताकि 2026 में इसे लागू किया जा सके।
अगर सब कुछ सही रहा, तो 8वां वेतन आयोग लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए राहत लेकर आएगा। इससे न सिर्फ उनकी सैलरी बढ़ेगी बल्कि उनकी क्रय शक्ति भी बेहतर होगी, और जीवन स्तर में सीधा फर्क दिखेगा। अभी भले ही ऑफिशियल एलान नहीं हुआ हो, लेकिन तैयारियां और उम्मीदें ज़ोरों पर हैं।