Salary Hike News – सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आ रही है। केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही 8वें वेतन आयोग के गठन की औपचारिक घोषणा की जा सकती है। इसके तहत सबसे बड़ा बदलाव फिटमेंट फैक्टर में देखने को मिलेगा। सूत्रों के मुताबिक सरकार 1.92 फिटमेंट फैक्टर लागू करने की योजना पर काम कर रही है। अगर यह प्रस्ताव हकीकत में बदलता है तो लाखों केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर और क्यों है यह जरूरी
सरकारी कर्मचारियों की सैलरी तय करने में फिटमेंट फैक्टर की बहुत अहम भूमिका होती है। यह एक तरह का गुणक होता है जिससे पुराने वेतनमान को नए वेतनमान में बदला जाता है। जब भी नया वेतन आयोग आता है तो सिफारिशों के आधार पर फिटमेंट फैक्टर को अपडेट किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में सरकार ने 2.57 का फिटमेंट फैक्टर लागू किया था जिससे न्यूनतम सैलरी सात हजार रुपये से सीधे अठारह हजार रुपये हो गई थी।
8वें वेतन आयोग में क्या होंगे बदलाव
अब बात करें 8वें वेतन आयोग की तो इसके तहत जो सबसे अहम प्रस्ताव सामने आया है वह 1.92 के फिटमेंट फैक्टर का है। अगर इसे लागू किया जाता है तो कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी अठारह हजार रुपये से बढ़कर लगभग चौंतीस हजार पांच सौ साठ रुपये हो जाएगी। यानि सीधी सोलह हजार पांच सौ साठ रुपये की बढ़ोतरी। इससे न केवल आमदनी में बढ़ोतरी होगी बल्कि महंगाई का सामना करना भी आसान हो जाएगा।
पेंशनर्स के लिए भी राहत की खबर
इस प्रस्ताव से पेंशनर्स को भी बड़ा फायदा होगा। फिलहाल न्यूनतम पेंशन नौ हजार रुपये है लेकिन अगर नया फिटमेंट फैक्टर लागू होता है तो यह बढ़कर सत्रह हजार दो सौ अस्सी रुपये तक पहुंच सकती है। ऐसे में रिटायर्ड कर्मचारियों की आर्थिक हालत में सुधार आएगा और उन्हें अपने बाद के जीवन में वित्तीय चिंता से राहत मिलेगी।
7वें वेतन आयोग की झलक
जब 7वां वेतन आयोग आया था तब कर्मचारियों ने 3.68 फिटमेंट फैक्टर की मांग की थी लेकिन सरकार ने 2.57 पर ही सहमति जताई थी। बावजूद इसके न्यूनतम वेतन में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई थी। सात हजार रुपये की जगह अठारह हजार रुपये न्यूनतम बेसिक सैलरी कर दी गई थी। अधिकतम सैलरी की बात करें तो वह बढ़कर दो लाख पचास हजार रुपये तक पहुंच गई थी। साथ ही पेंशन में भी बढ़ोतरी की गई थी। न्यूनतम पेंशन साढ़े तीन हजार रुपये से सीधे नौ हजार रुपये कर दी गई थी।
क्या 1.92 के बजाय और भी ज्यादा हो सकता है फिटमेंट फैक्टर
हाल के कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार 1.92 से ज्यादा फिटमेंट फैक्टर लागू करने पर भी विचार कर सकती है। कुछ आकलनों में 2.86 तक के फिटमेंट फैक्टर की चर्चा की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो फिर कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी इक्यावन हजार चार सौ अस्सी रुपये तक पहुंच सकती है। वहीं पेंशनर्स की न्यूनतम पेंशन पच्चीस हजार सात सौ चालीस रुपये तक बढ़ सकती है। यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि मानी जाएगी।
कब लागू हो सकता है 8वां वेतन आयोग
वर्तमान में 7वें वेतन आयोग की अवधि जनवरी 2026 तक है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि उसी के बाद 8वां वेतन आयोग लागू होगा। हालांकि इसकी औपचारिक घोषणा पहले ही कर दी जा सकती है ताकि कर्मचारियों और पेंशनर्स को समय से इसका लाभ मिल सके।
वेतन आयोग का महत्त्व और उसका आर्थिक असर
वेतन आयोग केवल सैलरी बढ़ाने तक सीमित नहीं होता। इसका असर देश की पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। जब कर्मचारियों की आय बढ़ती है तो उनकी क्रय शक्ति भी बढ़ती है। इससे बाजार में मांग में इजाफा होता है जो देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में मदद करता है। इसके अलावा कर्मचारियों की कार्यक्षमता और मनोबल भी बढ़ता है जिससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होता है।
राज्यों में भी दिखेगा असर
केंद्र सरकार के इस फैसले का असर राज्यों पर भी पड़ेगा। जैसे-जैसे केंद्र अपने कर्मचारियों के वेतन में संशोधन करता है वैसे-वैसे राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव करती हैं। इससे राज्य कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे।
क्या उम्मीद करें सरकारी कर्मचारी
सरकारी कर्मचारी लंबे समय से 8वें वेतन आयोग की मांग कर रहे थे। अब जब फिटमेंट फैक्टर को लेकर चर्चा तेज हो चुकी है और सरकार की मंशा साफ दिख रही है तो उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले महीनों में कोई ठोस घोषणा हो सकती है। यदि सब कुछ तय योजना के अनुसार चलता है तो 2026 की शुरुआत से कर्मचारियों को बढ़ी हुई सैलरी मिल सकती है।
सरकार की ओर से अगर 1.92 या उससे ज्यादा फिटमेंट फैक्टर को लागू किया जाता है तो यह सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स दोनों के लिए वरदान साबित हो सकता है। सैलरी और पेंशन में भारी इजाफा होने से न सिर्फ उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि उनके जीवन स्तर में भी बड़ा परिवर्तन आएगा।
हालांकि अभी यह प्रस्ताव अंतिम नहीं है। इस पर चर्चा और बदलाव संभव हैं। लेकिन एक बात तय है कि आने वाले समय में सरकारी नौकरी करने वालों को बड़ी राहत मिलने वाली है।