RBI Guidelines : हाल ही में सोशल मीडिया पर 500 रुपये के नोट को लेकर काफी हलचल मच गई। खासकर उन नोटों को लेकर, जिनमें सीरियल नंबर के बीच में एक छोटा सा स्टार (*) बना होता है।
लोगों ने अफवाहें फैलानी शुरू कर दीं कि ये नोट नकली हैं और इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। देखते ही देखते ये खबर आग की तरह फैल गई और आम जनता के साथ-साथ दुकानदार और बैंक भी इन नोटों को लेने से कतराने लगे।
इस अफवाह के चलते लोगों में डर और असमंजस का माहौल बन गया। लेकिन जब मामला बढ़ता गया, तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को खुद सामने आकर सफाई देनी पड़ी।
आरबीआई ने एक आधिकारिक सर्कुलर जारी कर साफ-साफ कहा कि स्टार मार्क वाले नोट 100% वैध हैं और इन्हें कहीं भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इन नोटों में स्टार क्यों होता है?
दरअसल, जब नोटों की छपाई के दौरान किसी नोट में गलती हो जाती है या वो खराब निकलता है, तो उसकी जगह एक नया नोट जारी किया जाता है। इसी नोट में स्टार मार्क होता है।
ये स्टार बस यह दिखाता है कि ये नोट किसी पुराने, खराब या गलत छपे नोट के बदले में आया है। इसका मतलब ये नहीं कि ये नोट नकली है।
आरबीआई ने बताया कि यह सिस्टम 2006 में शुरू किया गया था ताकि नोटों की प्रिंटिंग में हुई गड़बड़ियों को आसानी से सुधारा जा सके।
जब कोई नोट गलत छपता है, तो उसकी जगह एक नया नोट दिया जाता है, जिस पर स्टार लगा होता है और इसका नंबर उसी सीरिज में फिट हो जाता है।
इस पूरी प्रक्रिया से आम आदमी पर कोई फर्क नहीं पड़ता – क्योंकि स्टार वाला नोट भी बाकी नोटों की तरह ही चलता है।
अफसोस की बात ये रही कि इस छोटी सी जानकारी के अभाव में अफवाहें फैल गईं और लोगों ने इन वैध नोटों को फालतू समझ लिया। सोशल मीडिया ने इस भ्रम को और बढ़ा दिया। कई दुकानदार और बैंक कर्मी भी बिना सच्चाई जाने इन नोटों को लेने से मना करने लगे।
लेकिन जब आरबीआई की ओर से स्पष्ट गाइडलाइन आई तो स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी। अब बैंकों और दुकानों पर इन नोटों को फिर से बिना किसी डर के स्वीकार किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, यह घटना एक सबक बन गई है कि किसी भी बात को बिना जांचे-परखे मान लेना सही नहीं है। रिजर्व बैंक की ओर से समय पर आई सफाई ने लोगों को राहत दी और अब आम आदमी को पता चल गया है कि स्टार वाला नोट भी उतना ही असली है, जितना बाकी नोट।