Railway Facilities for Senior Citizens – अगर आप या आपके घर में कोई सीनियर सिटीजन हैं जो ट्रेन से सफर करते हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है। भारतीय रेलवे बुजुर्गों को कई तरह की सुविधाएं देता है ताकि उनकी यात्रा आसान, आरामदायक और सुरक्षित बन सके। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में इस बारे में जानकारी दी है और बताया है कि सीनियर सिटीजन समेत महिलाओं, दिव्यांगों और जरूरतमंद यात्रियों के लिए रेलवे क्या-क्या कर रहा है।
तो चलिए जानते हैं कि सीनियर सिटीजन को रेलवे क्या-क्या सुविधाएं देता है और इनका फायदा कैसे उठाया जा सकता है।
बुजुर्गों को मिलती है लोअर बर्थ की सुविधा
रेलवे ने 60 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों और 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं के लिए टिकट बुक करते समय लोअर बर्थ यानी निचली सीट का प्रावधान कर रखा है। खासकर अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है या कोई बुजुर्ग है, तो उन्हें ट्रेन के स्लीपर या एसी कोच में निचली बर्थ दी जाती है ताकि चढ़ने-उतरने में परेशानी ना हो।
हालांकि यह सुविधा सीट की उपलब्धता पर निर्भर करती है, मतलब अगर सीट खाली है तभी लोअर बर्थ मिलेगा। लेकिन रेलवे की कोशिश रहती है कि बुजुर्गों को यह प्राथमिकता जरूर दी जाए।
बैटरी से चलने वाली गाड़ियां भी उपलब्ध
अगर आप बड़े रेलवे स्टेशन पर गए होंगे तो आपने देखा होगा कि बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए छोटी बैटरी से चलने वाली गाड़ियां उपलब्ध होती हैं। ये गाड़ियां उन्हें प्लेटफॉर्म तक लाने या ले जाने का काम करती हैं। यह सुविधा खासतौर से ऐसे यात्रियों के लिए होती है जो चलने में असमर्थ हैं या जिन्हें ज्यादा चलना भारी लगता है।
यह सेवा फिलहाल बड़े स्टेशनों पर दी जा रही है और धीरे-धीरे इसे और जगहों पर भी बढ़ाया जा रहा है।
अलग काउंटर और विशेष ध्यान
रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग के लिए सीनियर सिटीजन के लिए अलग लाइन या अलग काउंटर की सुविधा भी दी जाती है। यह व्यवस्था सभी जगह उपलब्ध नहीं है, लेकिन जहां संभव होता है वहां इसका पालन किया जाता है।
इसके अलावा बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों को हेल्प बूथ, रैंप, लिफ्ट और एस्केलेटर जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं ताकि उन्हें किसी तरह की परेशानी ना हो।
व्हीलचेयर की सुविधा भी है मौजूद
रेलवे की ओर से सीनियर सिटीजन और दिव्यांग लोगों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा भी दी जाती है। अगर किसी यात्री को चलने में दिक्कत है, तो वह स्टेशन पर व्हीलचेयर मांग सकता है। इसके लिए कुछ स्टेशनों पर पहले से व्यवस्था रहती है, जबकि कहीं-कहीं पर पहले से सूचित करना पड़ता है।
रेलवे स्टाफ इस दौरान यात्रियों की मदद करता है और प्लेटफॉर्म से लेकर कोच तक उन्हें सुरक्षित पहुंचाता है।
टिकट पर छूट भी मिलती है
रेलवे सीनियर सिटीजन को टिकट पर छूट भी देता है। हालांकि कुछ समय पहले कोरोना के बाद ये सुविधा अस्थायी रूप से बंद की गई थी, लेकिन रेलवे अब भी सस्ती यात्रा के लिए हर साल करोड़ों रुपये की सब्सिडी देता है। एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 55 करोड़ रुपये की सब्सिडी रेलवे सालाना यात्रियों को देता है।
रेल मंत्री के मुताबिक रेलवे करीब 46 प्रतिशत तक की छूट टिकट पर देता है, ताकि हर नागरिक को सस्ती यात्रा का फायदा मिल सके।
एसी कोच में भी लोअर बर्थ का विकल्प
बुजुर्ग यात्रियों के लिए सिर्फ स्लीपर कोच ही नहीं बल्कि एसी कोच में भी लोअर बर्थ की व्यवस्था है। एसी 3 टियर यानी थ्री एसी कोच में हर बोगी में कुछ सीटें खास तौर पर सीनियर सिटीजंस और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं। एसी 2 टियर में भी तीन से चार लोअर बर्थ ऐसे यात्रियों के लिए सुरक्षित रखी जाती हैं।
इसका फायदा तभी मिलता है जब आप टिकट बुकिंग करते समय अपनी उम्र सही भरते हैं और सीट उपलब्ध हो।
महिलाओं और दिव्यांगों को भी फायदा
रेलवे सिर्फ सीनियर सिटीजन ही नहीं, बल्कि महिलाओं, गर्भवती महिलाओं और दिव्यांगों को भी खास सुविधाएं देता है। उपनगरीय ट्रेनों में इनके लिए अलग कोच का प्रावधान है, वहीं लंबी दूरी की ट्रेनों में बर्थ आरक्षण में इन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
हर साल करोड़ों यात्रियों को फायदा
रेल मंत्री ने बताया कि 2020-21 से लेकर दिसंबर 2025 तक करीब 2358 करोड़ यात्रियों ने रेलवे की इन सुविधाओं का फायदा उठाया है। इनमें सीनियर सिटीजन, दिव्यांग, महिलाएं और आम नागरिक सभी शामिल हैं।
भारतीय रेलवे की कोशिश है कि सभी यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक सफर मिले। सीनियर सिटीजन के लिए रेलवे की ये सुविधाएं उन्हें न सिर्फ सम्मान देती हैं, बल्कि सफर को आसान भी बनाती हैं। अगर आप या आपके जानने वाले बुजुर्ग हैं और ट्रेन से सफर करने जा रहे हैं, तो इन सुविधाओं का पूरा फायदा उठाएं।