Toll Tax New Rule – अब टोल टैक्स से राहत मिलने वाली है। जी हां, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में ऐलान किया है कि सरकार जल्द ही नया टोल सिस्टम लेकर आ रही है। इस सिस्टम का मकसद है आम लोगों को टोल टैक्स के भारी बोझ से राहत दिलाना। गडकरी का कहना है कि ये नया सिस्टम आने वाले कुछ ही दिनों में लागू किया जा सकता है और इससे टोल की दरों में भी कमी आएगी।
क्या खास होगा इस नए टोल सिस्टम में
गडकरी ने कहा कि सरकार टोल वसूली की मौजूदा व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने की तैयारी में है। उन्होंने बताया कि सरकार एक नई नीति लाने वाली है, जिससे टोल टैक्स का सिस्टम आसान और लोगों के लिए फायदेमंद बनेगा। इस नए सिस्टम का ऐलान अगले आठ-दस दिनों के भीतर हो सकता है।
गडकरी का दावा है कि इस बदलाव के बाद लोगों को टोल टैक्स कम देना पड़ेगा। उन्होंने ये भी साफ किया कि ये नया सिस्टम जनता के हित में होगा और इसे लागू करने के बाद टोल दरें घटाई जाएंगी ताकि आम आदमी पर खर्च का बोझ कम हो सके।
टोल दरों में कटौती का भी वादा
गडकरी इससे पहले भी कई बार इस मुद्दे पर बात कर चुके हैं। उनका मानना है कि देश में जितना बड़ा सड़क नेटवर्क बन रहा है, उसे बनाए रखने और सुधारने के लिए टोल जरूरी है, लेकिन सरकार ये भी चाहती है कि ये व्यवस्था ज्यादा पारदर्शी और लोगों के लिए सुविधाजनक हो।
उन्होंने ये भी कहा कि टोल वसूली की मौजूदा व्यवस्था में बदलाव के बाद टोल दरों में कमी आना तय है। यानी अब जो लोग रोजाना टोल टैक्स चुकाते हैं, उन्हें कुछ राहत मिल सकती है।
क्या-क्या बदल सकता है
अभी भारत में टोल प्लाजा बनाने और उनसे टोल वसूली को लेकर 2008 के नियम लागू हैं। इन नियमों के अनुसार, एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के अंदर दो टोल प्लाजा नहीं बनाए जा सकते। सभी टोल प्लाजा और उनके संचालन के नियम इन नियमों के तहत चलते हैं।
गडकरी ने बताया कि सरकार अब एक ऐसा सिस्टम लाना चाहती है जो हाईटेक हो, जिसमें टोल वसूली स्वचालित तरीके से हो सके और लोगों को टोल प्लाजा पर रुकना न पड़े।
टोल से सरकार को कितना फायदा
अगर टोल कलेक्शन की बात करें तो हाल के कुछ सालों में इसमें जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। 2019 से 2024 के बीच टोल से मिलने वाली कमाई में लगभग ढाई गुना इजाफा हुआ है।
2023-24 में सरकार को टोल से करीब 64809 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जबकि 2019-20 में ये आंकड़ा सिर्फ 27503 करोड़ रुपये था।
ग्रीन इकॉनमी की ओर बढ़ता भारत
गडकरी सिर्फ टोल सिस्टम ही नहीं, बल्कि देश को ग्रीन इकॉनमी की दिशा में ले जाने के लिए भी कई कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वह चाहते हैं कि देश में हाइब्रिड और फ्लेक्स फ्यूल गाड़ियों को बढ़ावा मिले।
इसी कड़ी में उन्होंने वित्त मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है कि हाइब्रिड गाड़ियों पर जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत और फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियों पर 12 प्रतिशत कर दिया जाए। अगर यह प्रस्ताव पास होता है तो ग्रीन व्हीकल्स सस्ते हो सकते हैं और इससे पर्यावरण पर दबाव भी कम होगा।
खुद गडकरी भी कटवा चुके हैं चालान
गडकरी ने एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि बांद्रा-वर्ली सी लिंक उन्होंने बनवाया था, लेकिन उसी सड़क पर उनकी कार का दो बार चालान कट गया। उन्होंने कहा कि सिस्टम अब इतना सख्त और डिजिटल हो गया है कि कोई भी बच नहीं सकता।
उन्होंने बताया कि उन्हें भी 500 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। गडकरी ने ये भी कहा कि चालान किसी को परेशान करने के लिए नहीं होते, बल्कि उनका मकसद ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करना होता है।
सड़क हादसों पर भी फोकस
गडकरी ने सड़क सुरक्षा को लेकर भी कई अहम बातें कहीं। उनका कहना है कि भारत में ज्यादातर सड़क हादसे हेलमेट न पहनने की वजह से होते हैं। इसलिए उन्होंने टू-व्हीलर कंपनियों से अपील की है कि वे हर ग्राहक को गाड़ी खरीदते वक्त दो ISI मार्क हेलमेट दें।
गडकरी का सपना है कि भारत में हर दिन कम से कम 100 किलोमीटर हाईवे बनें। इससे न सिर्फ सफर आसान होगा बल्कि ट्रैफिक और हादसों की समस्या भी कम होगी।
उन्होंने ये बातें नई दिल्ली में हुए न्यूज18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में कही थीं, जहां उन्होंने भविष्य की योजनाओं का खाका पेश किया।
गडकरी के इन ऐलानों से साफ है कि सरकार सड़क व्यवस्था को और बेहतर बनाना चाहती है और साथ ही जनता पर खर्च का बोझ भी कम करना चाहती है। अगर नया टोल सिस्टम सही तरीके से लागू होता है तो लोगों को काफी राहत मिल सकती है।