7th Pay Commission Leave Rules – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। अब अगर आप केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं और अंगदान यानी ऑर्गन डोनेट करना चाहते हैं, तो आपको इसके लिए 42 दिन तक की स्पेशल छुट्टी मिल सकती है। और सबसे खास बात ये है कि इन छुट्टियों के दौरान आपकी सैलरी में एक रुपये की भी कटौती नहीं होगी। यानि छुट्टी भी और पूरी तनख्वाह भी।
ये नया नियम 7वें वेतन आयोग के तहत लाया गया है और हाल ही में सरकार ने संसद में इसकी पूरी जानकारी दी है। लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि सरकार ने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसमें उन्हें ऑर्गन डोनेशन के लिए स्पेशल कैजुअल लीव दी जाएगी।
क्या है नया नियम
इस नए नियम के तहत, अगर कोई केंद्रीय कर्मचारी अंगदान करता है, तो उसे कुल 42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव दी जाएगी। ये छुट्टियां केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेंगी जो किसी तरह का अंगदान कर रहे हैं, जैसे कि किडनी, लीवर या बोन मैरो आदि। ये छुट्टी आपको तब से मिलेगी जब आप अस्पताल में भर्ती होंगे और ये पूरी तरह से डॉक्टर की मंजूरी पर निर्भर करेगी।
मतलब ये कि अगर डॉक्टर ने कह दिया कि आपको सर्जरी के लिए एक हफ्ता पहले भर्ती होना जरूरी है, तो आपको सर्जरी से पहले भी छुट्टी मिल सकती है। और अगर सर्जरी के बाद डॉक्टर को लगता है कि आपको और आराम की जरूरत है, तो छुट्टी को बढ़ाया भी जा सकता है। लेकिन ध्यान रहे कि किसी भी हालात में ये छुट्टी 42 दिनों से ज्यादा नहीं होगी।
कब आया था ये आदेश
सरकार की तरफ से इस बारे में सबसे पहले 2023 में आदेश जारी किया गया था। यह आदेश पर्सनल मिनिस्ट्री यानी कार्मिक मंत्रालय की तरफ से आया था। इसमें साफ तौर पर कहा गया था कि अंगदान करने वाले कर्मचारी को ऑपरेशन के आकार या जटिलता के आधार पर छुट्टी की जरूरत नहीं आंकी जाएगी। यानी ऑपरेशन छोटा हो या बड़ा, आपको 42 दिन की छुट्टी मिल सकती है।
छुट्टी का आधार क्या होगा
इन छुट्टियों को देने का पूरा आधार डॉक्टर की राय होगी। अगर डॉक्टर आपको अस्पताल में भर्ती करने को कहता है और ऑपरेशन से पहले या बाद में आराम की सलाह देता है, तो उसी के हिसाब से छुट्टी मिलेगी। डॉक्टर को यह सब लिखित में देना होगा, ताकि छुट्टी की मंजूरी मिल सके।
यही नहीं, डॉक्टर पहले 7 दिन की छुट्टी देता है और बाद में कहता है कि अभी और छुट्टी की जरूरत है, तो छुट्टी बढ़ाई जा सकती है, लेकिन कुल मिलाकर यह 42 दिन से ज्यादा नहीं हो पाएगी। यानी 42 दिन की सीमा तय कर दी गई है।
छुट्टियां कब से लागू होंगी
सरकार की ओर से साफ कहा गया है कि ये छुट्टियां उसी दिन से लागू मानी जाएंगी जिस दिन कर्मचारी अस्पताल में भर्ती होगा। यदि डॉक्टर सर्जरी से पहले कुछ दिन भर्ती होने की सलाह देता है, तो वह समय भी छुट्टी में गिना जाएगा।
किसे मिलेगा इस सुविधा का फायदा
ये नियम सभी केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लागू होगा, चाहे वह किसी भी विभाग में कार्यरत हों। इस फैसले के जरिए सरकार ने यह दिखाया है कि वह अंगदान जैसे नेक काम को बढ़ावा देना चाहती है और ऐसे कर्मचारियों की सेहत को लेकर भी गंभीर है।
सैलरी में कोई कटौती नहीं
एक और बड़ी बात ये है कि इन छुट्टियों के दौरान आपकी सैलरी पूरी मिलेगी। ना कोई कटौती होगी, ना कोई लेट पेमेंट। मतलब ये कि आपको आराम से स्वास्थ्य लाभ लेने का मौका मिलेगा, बिना आर्थिक टेंशन के।
सरकार की मंशा क्या है
सरकार का मकसद साफ है कि अंगदान जैसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील फैसले में कर्मचारियों को हर संभव सुविधा दी जाए। 42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव देना इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग ऑर्गन डोनेशन जैसे काम के लिए आगे आएं।
अगर आप केंद्र सरकार में काम करते हैं और अंगदान का मन बना रहे हैं, तो अब आपके पास छुट्टी को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। 42 दिन की स्पेशल छुट्टी, सैलरी की गारंटी और डॉक्टर की सलाह के आधार पर आराम करने की पूरी छूट, ये सब इस नए नियम के जरिए आपको मिलने वाला है।