CIBIL score – बिलकुल सही समय है इस विषय पर बात करने का क्योंकि आजकल हर कोई लोन लेता है या फिर क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता है और ऐसे में सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर का महत्व बहुत ज़्यादा बढ़ गया है। RBI यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में सिबिल स्कोर को लेकर कुछ नए नियम लागू किए हैं जो 2025 से पूरे देश में लागू हो चुके हैं। अब सवाल ये है कि ये नियम आम आदमी के लिए कितने फायदेमंद हैं और इनसे क्या बदलेगा। चलिए आपको आसान भाषा में बताते हैं सब कुछ विस्तार से।
क्या होता है CIBIL स्कोर और क्यों ज़रूरी है
CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या होती है जो 300 से 900 के बीच होती है। ये स्कोर इस आधार पर तय होता है कि आपने अपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड की भुगतान स्थिति कैसी रखी है। अगर आपने समय पर भुगतान किया है और कभी डिफॉल्ट नहीं किया तो आपका स्कोर अच्छा होता है यानी 750 से ऊपर। इससे बैंक या फाइनेंस कंपनी को भरोसा होता है कि आप जिम्मेदार उधारकर्ता हैं और उन्हें पैसा डूबने का खतरा नहीं है।
RBI के नए नियम क्या हैं और ये कैसे फायदेमंद हैं
अब बात करते हैं उन नए नियमों की जिन्हें RBI ने लागू किया है। ये नियम सीधे आम जनता से जुड़े हैं और इनका मकसद है कि लोगों को अपने क्रेडिट स्कोर को बेहतर समझने और सुधारने का मौका मिले।
हर 15 दिन में अपडेट होगा स्कोर
पहले सिबिल स्कोर का अपडेट कभी-कभी महीनों तक नहीं होता था। इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपने हाल ही में कोई पेमेंट किया भी हो तो उसका असर स्कोर पर तुरंत नहीं दिखता था। अब RBI के नए नियम के मुताबिक हर 15 दिन में आपका स्कोर अपडेट होगा। इससे आप जल्दी से जल्दी अपने स्कोर में सुधार देख सकते हैं और जरूरी कदम उठा सकते हैं।
हर अपडेट की जानकारी SMS और ईमेल से मिलेगी
अब बैंक या फाइनेंस कंपनी अगर आपकी रिपोर्ट में कोई बदलाव करती है तो उसकी जानकारी आपको तुरंत दी जाएगी। यानी आपके स्कोर में अगर कुछ अच्छा या बुरा हुआ है तो आपको SMS या ईमेल के जरिए बताया जाएगा। इससे आप किसी भी गलती को तुरंत पकड़ सकते हैं और फाइनेंशियल फ्रॉड से भी बच सकते हैं।
अगर लोन रिजेक्ट हुआ तो वजह भी बतानी होगी
पहले कई बार ऐसा होता था कि बैंक लोन रिजेक्ट कर देते थे लेकिन कारण नहीं बताते थे। अब नए नियमों के तहत अगर आपका लोन रिजेक्ट होता है तो बैंक को यह साफ तौर पर बताना होगा कि क्यों आपका आवेदन स्वीकार नहीं किया गया। इससे आप जान पाएंगे कि क्या दिक्कत थी और उसे सुधार सकते हैं।
साल में एक बार मुफ्त में मिलेगी पूरी रिपोर्ट
RBI ने ये भी कहा है कि हर व्यक्ति को साल में एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट पूरी तरह मुफ्त में दी जाएगी। पहले इसके लिए पैसे देने पड़ते थे लेकिन अब आप बिना कोई शुल्क दिए अपनी पूरी रिपोर्ट देख सकते हैं। इससे आप अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे और अगर कोई गड़बड़ है तो उसे सुधार भी सकेंगे।
डिफॉल्ट से पहले मिलेगा अलर्ट
नए नियमों में यह भी प्रावधान है कि अगर आपकी कोई किस्त या पेमेंट ड्यू है और समय पर नहीं हुई तो बैंक आपको पहले ही अलर्ट भेजेगा। इससे आप गलती से भी डिफॉल्ट नहीं करेंगे और आपका स्कोर सुरक्षित रहेगा। कई बार लोग भूल जाते हैं कि कौन सी तारीख को पेमेंट करनी है और ऐसे में स्कोर बिगड़ जाता है। अब ये दिक्कत नहीं होगी।
ग्रामीण इलाकों और सामान्य लोगों के लिए क्या मायने रखते हैं ये नियम
RBI ने खास ध्यान रखा है कि ये नियम सिर्फ शहरों के पढ़े-लिखे लोगों के लिए नहीं हैं बल्कि गांव और कस्बों के लोगों को भी फायदा मिले। आजकल जनधन खातों से लेकर UPI ट्रांजैक्शन तक गांव के लोग भी डिजिटल हो गए हैं। ऐसे में जब उन्हें हर 15 दिन में SMS मिलेगा, फ्री रिपोर्ट मिलेगी और रिजेक्शन की वजह पता चलेगी तो वो भी समझ पाएंगे कि कहां गलती हो रही है।
चुनौतियां क्या हो सकती हैं और उनके समाधान
हालांकि इन नियमों को लागू करने में कुछ दिक्कतें भी आ सकती हैं। जैसे कि छोटे बैंकों को अपने सिस्टम अपडेट करने होंगे ताकि 15 दिन वाला अपडेट सही तरीके से हो सके। ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की दिक्कत है तो SMS और जानकारी देने का दूसरा तरीका ढूंढना पड़ेगा। लेकिन RBI इस पर भी काम कर रहा है और बैंकों को टेक्निकल सपोर्ट दे रहा है।
कैसे रखें अपना स्कोर अच्छा
अब जब स्कोर इतनी जल्दी अपडेट होगा तो जरूरी है कि हम अपने फाइनेंशियल बिहेवियर पर ध्यान दें। समय पर लोन और क्रेडिट कार्ड का पेमेंट करें। अगर हो सके तो तय तिथि से पहले ही पेमेंट कर दें। बिना ज़रूरत के क्रेडिट कार्ड न लें और बार बार लोन के लिए आवेदन भी न करें क्योंकि इससे भी स्कोर पर असर पड़ता है।
डिजिटल इंडिया और क्रेडिट स्कोर का भविष्य
देश में तेजी से डिजिटल लेनदेन बढ़ रहे हैं। लोग अब EMI पर मोबाइल, फ्रिज, बाइक सब कुछ ले रहे हैं। ऐसे में क्रेडिट स्कोर एक ज़रूरी पहचान बन गया है। आने वाले वक्त में हो सकता है कि किराए पर मकान लेते समय भी स्कोर देखा जाए या कोई सरकारी योजना का लाभ उठाने के लिए भी इसकी ज़रूरत पड़े। इसलिए स्कोर को सुधारना और समझना दोनों ज़रूरी हैं।
RBI के नए नियम न सिर्फ ग्राहकों को सशक्त बनाते हैं बल्कि बैंकों की जवाबदेही भी तय करते हैं। इससे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी और वो अपने फाइनेंशियल फैसलों में ज़्यादा सतर्क और समझदार बनेंगे। अब वक्त आ गया है कि हम भी अपनी क्रेडिट हैल्थ को गंभीरता से लें और इस डिजिटल युग में एक स्मार्ट उधारकर्ता की तरह व्यवहार करें।
यह नियम सही मायनों में एक नई शुरुआत हैं जहां पारदर्शिता और विश्वास को सबसे ऊपर रखा गया है। अगर आप भी अपने स्कोर को लेकर चिंतित हैं या उसे बेहतर करना चाहते हैं तो आज ही अपनी रिपोर्ट चेक करें और फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू करें।