Bank Rules Update – अगर आप स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI, पंजाब नेशनल बैंक PNB या फिर बैंक ऑफ बड़ौदा BOB के ग्राहक हैं तो आपके लिए एक जरूरी खबर है। साल 2025 की शुरुआत के साथ ही इन तीनों बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए कई जरूरी बैंकिंग नियमों में बदलाव किए हैं। ये बदलाव आपकी डेली बैंकिंग से लेकर सेविंग्स, फिक्स्ड डिपॉजिट, डिजिटल ट्रांजैक्शन और पर्सनल लोन तक को प्रभावित करेंगे।
इन बदलावों का मकसद है ग्राहकों को ज्यादा सुरक्षित और सुविधाजनक सेवाएं देना और साथ ही डिजिटल बैंकिंग को और मजबूत बनाना। आइए आपको इन नए नियमों की पूरी जानकारी कैजुअल भाषा में और विस्तार से बताते हैं ताकि आप आने वाले समय में किसी भी दिक्कत से बच सकें।
1. नई एफडी स्कीम्स से बेहतर मुनाफा
SBI, PNB और BOB ने कुछ नई फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम्स लॉन्च की हैं जो पहले के मुकाबले ज्यादा आकर्षक ब्याज दरें दे रही हैं। जैसे SBI की ‘लाखपति आरडी’ और ‘पैट्रन्स एफडी’ स्कीम में 6.75 प्रतिशत से लेकर 7.6 प्रतिशत तक ब्याज दिया जा रहा है। वहीं PNB की 303 और 506 दिनों की एफडी स्कीम्स 7 प्रतिशत से 7.25 प्रतिशत ब्याज दे रही हैं। BOB की लिक्विड एफडी स्कीम में 7.30 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है और खास बात यह है कि इसमें आंशिक निकासी की भी सुविधा है।
ये स्कीम्स खास तौर पर उन लोगों के लिए अच्छी हैं जो थोड़ा-थोड़ा निवेश करके ज्यादा रिटर्न पाना चाहते हैं या अपनी रकम को कुछ समय के लिए सुरक्षित रखना चाहते हैं।
2. KYC अपडेट अब अनिवार्य
PNB ने अपने सभी खाताधारकों के लिए 23 जनवरी 2025 तक KYC यानी नो योर कस्टमर डिटेल्स अपडेट करना अनिवार्य कर दिया है। अगर आपने अभी तक KYC अपडेट नहीं किया है तो आपका खाता ब्लॉक हो सकता है।
KYC अपडेट करने से न सिर्फ आपका खाता सुरक्षित रहेगा बल्कि बैंक की हर सुविधा आप आसानी से इस्तेमाल कर सकेंगे। KYC के लिए आप अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जाकर डॉक्युमेंट्स जमा कर सकते हैं या फिर PNB One ऐप और इंटरनेट बैंकिंग के जरिए घर बैठे भी यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
3. बचत खातों पर बदले ब्याज नियम
SBI ने अपने बचत खातों के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए अब न्यूनतम बैलेंस की शर्त खत्म कर दी है। यानी अब आपको खाते में कोई खास अमाउंट बनाए रखने की जरूरत नहीं है फिर भी आपको 2.70 प्रतिशत से ज्यादा ब्याज मिल सकता है। यह उन ग्राहकों के लिए बड़ी राहत है जो सैलरी अकाउंट या सामान्य सेविंग अकाउंट चलाते हैं और हर महीने बैलेंस मेंटेन नहीं कर पाते।
4. डिजिटल बैंकिंग में जबरदस्त सुधार
अब बात करें डिजिटल बैंकिंग की तो SBI, PNB और BOB तीनों बैंकों ने अपने ऐप्स और ऑनलाइन सर्विसेस में कई नए अपडेट्स किए हैं।
SBI ने अब IMPS ट्रांजैक्शन की लिमिट 5 लाख रुपये तक कर दी है जिससे आप किसी भी वक्त बड़ी रकम आसानी से भेज सकते हैं। वहीं UPI के जरिए ट्रांजैक्शन लिमिट अब 1.5 लाख रुपये कर दी गई है जिससे आपके रोजाना के डिजिटल भुगतान और भी आसान हो गए हैं। BOB ने भी आंशिक निकासी की सुविधा दे दी है जो एफडी के मामले में बहुत काम आती है।
5. पर्सनल लोन के नियम और सख्त
SBI ने पर्सनल लोन की प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव करते हुए अब क्रेडिट स्कोर स्क्रीनिंग को सख्त बना दिया है। इसका मतलब यह है कि अब केवल उन्हीं ग्राहकों को लोन मिलेगा जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा और जिन्होंने समय पर अपने पुराने कर्ज चुकाए हैं। इसका मकसद है डिफॉल्ट के मामलों को कम करना और बैंकों को सुरक्षित रखना।
6. कुछ और जरूरी बातें जो ध्यान रखने लायक हैं
- सभी बैंक समय-समय पर ग्राहकों को मेल या एसएमएस के जरिए अलर्ट भेज रहे हैं कि KYC या ऐप अपडेट जरूरी है
- डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए OTP और पासवर्ड किसी से शेयर न करें
- अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं तो FD पर ज्यादा ब्याज का फायदा जरूर उठाएं
- सभी बैंकों की ऑफिशियल वेबसाइट या ऐप पर ही लेन-देन करें
- अगर कोई नया नियम समझ नहीं आ रहा तो अपने ब्रांच में जाकर पूछना बेहतर रहेगा
इन नए नियमों का फायदा कैसे उठाएं
अब सवाल यह है कि आम ग्राहक के तौर पर आप इन बदलावों से कैसे फायदा उठा सकते हैं।
सबसे पहले तो KYC की प्रक्रिया समय पर पूरी कर लें ताकि खाता चालू रहे और कोई परेशानी न हो। दूसरी बात यह कि जो भी नई एफडी स्कीम्स आई हैं उन्हें अच्छे से पढ़ें और अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश करें ताकि ज्यादा ब्याज मिले।
अगर आप ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो अब वक्त है कि मोबाइल ऐप डाउनलोड करके उसे इस्तेमाल में लाएं क्योंकि डिजिटल ट्रांजैक्शन पर अब ज्यादा सुविधाएं मिल रही हैं। और सबसे जरूरी बात यह कि समय-समय पर अपने खाते की जांच करते रहें ताकि कोई भी नया चार्ज या बदलाव आपको चौंकाए नहीं।
SBI, PNB और BOB द्वारा किए गए ये सारे बदलाव ग्राहकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर किए गए हैं। डिजिटल बैंकिंग को ज्यादा सहज बनाना, फिक्स्ड डिपॉजिट पर बेहतर ब्याज देना, पर्सनल लोन के नियमों में पारदर्शिता लाना और ग्राहकों के खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करना इनका मुख्य उद्देश्य है।
इन सभी बदलावों से जहां एक तरफ ग्राहकों को बेहतर बैंकिंग अनुभव मिलेगा वहीं बैंकों को भी अपनी सेवाएं सुधारने का मौका मिलेगा। अगर आप इन बैंकों के ग्राहक हैं तो इन नियमों को अच्छे से समझकर उनका पालन जरूर करें ताकि आपका बैंकिंग अनुभव और बेहतर हो सके।