Senior Citizen Concession – भारत में रेलवे सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट का साधन नहीं, बल्कि आम लोगों की जिंदगी से जुड़ा एक अहम हिस्सा है। खासकर जब बात बुजुर्गों की हो, तो उनके लिए ट्रेन की यात्रा जितनी जरूरी होती है, उतनी ही जरूरी होती है उसमें मिलने वाली रियायतें। रेलवे की सीनियर सिटीजन छूट एक ऐसी ही सुविधा थी, जो पिछले कुछ सालों से बंद थी। लेकिन अब खबरें आ रही हैं कि इसे फिर से शुरू किया जा सकता है, वो भी नए नियमों के साथ। चलिए जानते हैं इस छूट से जुड़ी सारी बातें, नए अपडेट और आपके लिए क्या फायदा होने वाला है।
क्या है रेलवे की सीनियर सिटीजन छूट
रेलवे की इस सुविधा के तहत बुजुर्ग यात्रियों को टिकट पर खास छूट मिलती थी। ये छूट पुरुषों को 60 साल की उम्र और महिलाओं को 58 साल की उम्र के बाद मिलती थी। IRCTC से टिकट बुक करते वक्त एक ऑप्शन आता था – Senior Citizen Concession – बस उस पर टिक करते ही टिकट पर डिस्काउंट मिल जाता था।
इस सुविधा का मकसद ये था कि बुजुर्गों को आर्थिक राहत मिले और वे आसानी से देशभर में यात्रा कर सकें। ये छूट पूरी तरह से भारतीय नागरिकों के लिए थी।
क्यों बंद हो गई थी ये सुविधा
कोरोना महामारी के वक्त रेलवे ने इस छूट को बंद कर दिया था। उस समय यात्रियों की संख्या सीमित करनी थी और रेलवे को होने वाला नुकसान भी कम करना था। इस वजह से सीनियर सिटीजन के अलावा कई दूसरी छूटें भी रोक दी गई थीं।
लेकिन अब जब हालात सामान्य हो रहे हैं, तो लोगों की मांग है कि ये सुविधा दोबारा शुरू की जाए। सांसदों से लेकर सोशल मीडिया तक, हर जगह आवाज उठ रही है कि बुजुर्गों को फिर से छूट मिलनी चाहिए।
2025 में क्या होंगे नए नियम
रेलवे की तरफ से सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन अंदरखाने से खबरें आ रही हैं कि छूट दोबारा शुरू हो सकती है। हालांकि इसमें कुछ बदलाव जरूर किए जाएंगे ताकि सिस्टम का दुरुपयोग न हो और रेलवे को बहुत ज्यादा नुकसान भी न उठाना पड़े।
संभावित बदलाव कुछ इस तरह हो सकते हैं:
- यह छूट केवल स्लीपर और 3AC कोच में मिलेगी।
- पुरुषों को 40 फीसदी और महिलाओं को 50 फीसदी तक की छूट मिल सकती है।
- यह सुविधा केवल जरूरतमंद या सीमित आय वाले लोगों तक सीमित रखी जा सकती है।
पहले कितनी छूट मिलती थी
जब यह सुविधा चालू थी, तब सभी क्लास के टिकट पर छूट मिलती थी। पुरुषों को 40 प्रतिशत और महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी। ट्रांसजेंडर यात्रियों को भी 40 से 50 प्रतिशत तक की रियायत मिलती थी। ये नियम 2001 से 2020 तक लागू रहे और फिर महामारी के चलते बंद हो गए।
लोगों का क्या कहना है
कानपुर की 65 साल की सावित्री देवी कहती हैं कि वे हर साल बेटे से मिलने दिल्ली जाती थीं और पहले टिकट सस्ता पड़ता था। पहले जो टिकट 500 रुपये में मिल जाता था, अब वही 800 रुपये का हो गया है। अगर फिर से छूट मिल जाए तो उनका सफर आसान हो जाएगा।
वाराणसी के रामप्रसाद मिश्रा, जो 62 साल के हैं, उनका कहना है कि बुजुर्गों के लिए पेंशन ही एकमात्र इनकम होती है। ऐसे में रेलवे यात्रा महंगी लगती है। ये छूट जरूरत है, कोई ऐश नहीं।
IRCTC से टिकट बुक करते वक्त कैसे मिलेगी छूट
अगर सरकार इस सुविधा को फिर से शुरू करती है, तो IRCTC से टिकट बुक करते वक्त कुछ आसान स्टेप्स फॉलो करके आप छूट पा सकते हैं:
- सबसे पहले IRCTC पर लॉगिन करें और अपनी ट्रेन सर्च करें।
- यात्री की डिटेल डालते समय उम्र सही भरें।
- नीचे दिए गए ऑप्शन में “Senior Citizen Concession” को चुनें।
- अगर आप पात्र हैं, तो डिस्काउंट अपने-आप टिकट की कीमत में दिख जाएगा।
क्या सरकार इसे फिर से शुरू करेगी
सरकार की तरफ से कोई पक्की घोषणा तो नहीं हुई है, लेकिन संसद में कई बार यह मुद्दा उठाया गया है। रेलवे मंत्रालय ने इतना जरूर कहा है कि इस पॉलिसी की समीक्षा चल रही है और जल्द ही इस पर फैसला लिया जाएगा। सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि जरूरतमंद बुजुर्गों को ही यह सुविधा दी जाए ताकि सिस्टम का दुरुपयोग न हो।
रेलवे की सीनियर सिटीजन छूट सिर्फ टिकट की रियायत नहीं, बल्कि बुजुर्गों के लिए एक सम्मान और सहूलियत का प्रतीक है। ये सुविधा उन्हें आत्मनिर्भर बनाती है और देशभर में आसानी से यात्रा करने का मौका देती है। सरकार को चाहिए कि वह एक संतुलित नीति बनाए जिसमें उन बुजुर्गों को यह राहत मिले जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।
अगर आपके घर में कोई सीनियर सिटीजन है या आप खुद इस श्रेणी में आते हैं, तो अगले कुछ महीनों तक इस खबर पर नजर बनाए रखें। क्योंकि बहुत जल्दी यह सुविधा नए नियमों के साथ फिर से शुरू हो सकती है और आपके सफर को थोड़ी राहत दे सकती है।