अब नहीं चलेगी लापरवाही! RBI ने जारी की चेतावनी – इन ग्राहकों के अकाउंट पर लगेगा ताला RBI New Update

RBI New Update – अगर आपका भी बैंक में खाता है और आप उसका इस्तेमाल रेगुलर करते हैं या फिर लंबे समय से आपने उस खाते को बंद नहीं कराया है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने बैंकों के साथ मिलकर एक बड़ा फैसला लिया है जो सीधे तौर पर करोड़ों बैंक ग्राहकों को प्रभावित कर सकता है। दरअसल साइबर फ्रॉड और फेक अकाउंट्स की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए RBI अब ऐसे अकाउंट्स पर शिकंजा कसने की तैयारी में है जो संदिग्ध या अवैध गतिविधियों से जुड़े हुए हैं।

इस फैसले के तहत अगर कोई बैंक खाता अवैध ट्रांजैक्शन या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खोला गया है तो बैंक उसे बिना किसी सूचना के फ्रीज कर सकता है या जब्त भी कर सकता है। हाल ही में इंडियन बैंक एसोसिएशन ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और RBI को इस संबंध में कई अहम सुझाव दिए हैं।

क्यों लिया गया है ये फैसला

देश में डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के बढ़ने के साथ साथ साइबर फ्रॉड और फर्जी अकाउंट्स की घटनाएं भी काफी तेजी से बढ़ी हैं। हजारों फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल करके फ्रॉडस्टर लाखों लोगों को चूना लगा चुके हैं। यही वजह है कि अब RBI और बैंक दोनों इस पूरे सिस्टम को और मजबूत बनाना चाहते हैं ताकि आम आदमी की गाढ़ी कमाई सुरक्षित रह सके।

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बैंकिंग सिस्टम में इन दिनों देखा गया है कि फ्रॉड करने वाले लोग फर्जी दस्तावेजों के जरिए बैंक अकाउंट खोल लेते हैं और कुछ ही हफ्तों में उसका इस्तेमाल अवैध ट्रांजैक्शन के लिए कर लेते हैं। फिर कुछ समय बाद वे उस खाते को बंद कर देते हैं या उसे छोड़ देते हैं। ऐसे में बैंक जब तक जांच शुरू करता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।

PMLA कानून का क्या है रोल

धन शोधन रोकथाम अधिनियम यानी Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत कोई भी बैंक किसी ग्राहक के खाते को तब तक जब्त नहीं कर सकता जब तक उसके पास कोर्ट या कानूनी एजेंसी की मंजूरी न हो। लेकिन बैंक चाह रहे हैं कि उन्हें कुछ खास परिस्थितियों में खुद से ऐसे खातों पर तुरंत कार्रवाई करने का अधिकार मिले ताकि समय की बचत हो सके और फ्रॉड पर जल्दी रोक लगाई जा सके।

क्या है IBA का सुझाव

इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने RBI को सलाह दी है कि बैंकों को कुछ मामलों में तत्काल खाता फ्रीज करने की अनुमति दी जानी चाहिए। IBA का कहना है कि हर साल हजारों फर्जी अकाउंट्स के जरिए अवैध लेनदेन किया जाता है। ये अकाउंट्स बैंकों की कमजोरियों का फायदा उठाते हुए खोले जाते हैं और जब तक जांच पूरी होती है तब तक फ्रॉड करने वाला गायब हो चुका होता है।

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इसके अलावा IBA ने यह भी सुझाव दिया है कि जब ग्राहक खाता खोलने जाए और अगर उसके पास पैन नंबर न हो तो ऐसे में वोटर आईडी और फॉर्म 60 के साथ साथ इलेक्शन कमीशन के डेटाबेस से उसका वेरिफिकेशन किया जाए। इससे फर्जी खातों की संख्या में कमी आ सकती है।

ट्रांजैक्शन लिमिट का भी दिया गया सुझाव

IBA ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि ऐसे खातों पर एक तय ट्रांजैक्शन लिमिट लगाई जाए जिनका वेरिफिकेशन पूरी तरह से नहीं हुआ है। इससे ये देखा जा सकेगा कि कहीं वह खाता किसी धोखाधड़ी के लिए तो इस्तेमाल नहीं हो रहा। साथ ही, इससे बैंकों को ऐसे खातों की निगरानी करने में भी आसानी होगी।

नई तकनीकों का इस्तेमाल

साइबर फ्रॉड की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए RBI और बैंक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों को ट्रांजैक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ने की योजना पर काम कर रहे हैं। इससे किसी भी ट्रांजैक्शन की लाइव निगरानी की जा सकेगी और संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत अलर्ट जारी किया जा सकेगा।

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वर्किंग ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार बैंकों को तकनीकी अपग्रेडेशन पर ध्यान देना चाहिए और स्टाफ की ट्रेनिंग को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि साइबर फ्रॉड से निपटने के लिए वह पूरी तरह तैयार रहें। साथ ही स्टेकहोल्डर्स यानी ग्राहक, बैंक अधिकारी और जांच एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल से ही फाइनेंशियल सेक्टर को सुरक्षित बनाया जा सकता है।

आम ग्राहकों के लिए क्या है जरूरी

अब सवाल ये उठता है कि आम बैंक ग्राहकों को क्या करना चाहिए ताकि उनका खाता इस कार्रवाई की जद में न आए। इसके लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा

  • अपना केवाईसी अपडेट रखें और सभी जरूरी दस्तावेज बैंक को समय समय पर दें
  • किसी अनजान व्यक्ति से पैसे का लेनदेन न करें और संदिग्ध कॉल्स से सावधान रहें
  • बैंकिंग ऐप्स और नेट बैंकिंग का पासवर्ड किसी के साथ शेयर न करें
  • अपने मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को बैंक अकाउंट से लिंक रखें ताकि हर ट्रांजैक्शन की जानकारी तुरंत मिले
  • अगर आपको किसी भी तरह की फर्जी गतिविधि का संदेह हो तो तुरंत बैंक और साइबर सेल को सूचित करें

आरबीआई का यह फैसला भले ही थोड़े सख्त नियमों वाला लगे लेकिन इसका मकसद ग्राहकों की सुरक्षा और बैंकिंग सिस्टम को फ्रॉड से बचाना है। अगर आप ईमानदारी से बैंकिंग करते हैं और सभी नियमों का पालन करते हैं तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप अपने खाते का इस्तेमाल किसी संदिग्ध ट्रांजैक्शन या गलत तरीके से करते हैं तो आगे चलकर आपका खाता फ्रीज हो सकता है या उस पर कार्रवाई हो सकती है।

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इसलिए बेहतर यही होगा कि सभी बैंक ग्राहक सतर्क रहें और बैंक के नियमों और सलाहों का पालन करें। क्योंकि आज के समय में डिजिटल फ्रॉड जितनी तेजी से बढ़ रहा है उतनी ही तेजी से सख्ती की भी जरूरत है।

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