EMI Bounce – कभी-कभी जिंदगी में ऐसे हालात आ जाते हैं जब लोन की EMI समय पर भरना मुश्किल हो जाता है। कोई जरूरी खर्चा आ गया हो या फिर इनकम में अचानक रुकावट आ जाए – ऐसी कई वजहें हो सकती हैं। लेकिन EMI मिस होने का सीधा असर हमारे सिबिल स्कोर पर पड़ता है और आगे चलकर लोन या क्रेडिट कार्ड लेना मुश्किल हो सकता है।
अगर आप भी किसी वजह से EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यहां हम आपको चार आसान तरीके बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप ना सिर्फ अपना सिबिल स्कोर बचा सकते हैं बल्कि भविष्य में लोन मिलने की संभावना भी बनाए रख सकते हैं।
बैंक मैनेजर से सीधे बात करें और भरोसा दिलाएं
अगर आप किस्त नहीं भर पाए हैं, तो सबसे पहला काम यही है कि आप जिस बैंक से लोन लिया है, उसी ब्रांच के मैनेजर से सीधे बात करें। उन्हें अपनी मौजूदा स्थिति ईमानदारी से बताएं – जैसे कि नौकरी चली गई है, सैलरी में देरी हो रही है या कोई मेडिकल इमरजेंसी आ गई है।
बैंक वाले भी इंसान होते हैं, अगर आप सच्चाई से बात करेंगे और भरोसा दिलाएंगे कि ये गलती जानबूझकर नहीं हुई है, तो वे आपकी मदद करने की कोशिश करेंगे। बहुत बार बैंक ग्राहक की ईमानदारी देखकर पेनाल्टी माफ कर देता है या किस्त भरने की दूसरी सुविधा भी दे देता है।
सिबिल स्कोर में रिकॉर्ड न डालने की रिक्वेस्ट करें
जब कोई लोन की तीन लगातार किस्तें नहीं भरता है, तो बैंक उस डिफॉल्ट को सिबिल स्कोर में रिपोर्ट कर देता है। इससे आपका स्कोर गिर जाता है और फिर भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो सकता है।
अगर आपने सिर्फ एक या दो किस्त ही मिस की है, तो देर मत कीजिए – तुरंत बैंक से बात कीजिए। उनसे रिक्वेस्ट करें कि आपकी स्थिति को समझें और इस डिफॉल्ट को अभी सिबिल ब्यूरो को रिपोर्ट न करें। आप उन्हें यह भी कह सकते हैं कि अगली किस्तें आप समय पर भरने के लिए तैयार हैं और ये गलती दोबारा नहीं होगी। अगर बैंक मान गया तो आपका स्कोर खराब नहीं होगा।
EMI होल्ड का ऑप्शन अपनाएं
अगर आपको लग रहा है कि कुछ समय के लिए पैसे की दिक्कत बनी रहेगी, लेकिन बाद में स्थिति सुधर जाएगी, तो EMI होल्ड का विकल्प आपके लिए सही है।
इसमें आप बैंक को बताकर कुछ समय के लिए EMI को टालने की अपील कर सकते हैं। इसके लिए आपको एक छोटा-सा आवेदन करना होगा और अपनी परेशानी बतानी होगी। अगर बैंक को लगे कि आपकी बात जायज है, तो वे आपकी EMI को कुछ महीनों के लिए होल्ड कर सकते हैं। जब आपकी फाइनेंशियल स्थिति सुधर जाए, तब आप बाकी की रकम धीरे-धीरे चुका सकते हैं।
Arrear EMI का ऑप्शन लें, खासकर नौकरीपेशा लोगों के लिए
अगर आपकी सैलरी महीने के आखिर में आती है और लोन की EMI महीने के शुरू में कट जाती है, तो ये मismatch कई बार परेशानी पैदा करता है। ऐसे में आप बैंक से बात करके EMI की तारीख बदलवा सकते हैं।
बैंक को अपनी सैलरी की तारीख बताएं और उनसे रिक्वेस्ट करें कि EMI की तारीख महीने के आखिरी हफ्ते में कर दी जाए। इससे आपका EMI बाउंस होने का खतरा कम हो जाएगा और आपका सिबिल स्कोर भी सुरक्षित रहेगा। ये ऑप्शन ज्यादातर नौकरीपेशा लोगों के लिए फायदेमंद होता है।
एक्स्ट्रा टिप – पहले से तैयारी रखें
अगर आपको पहले से अंदाजा है कि आने वाले महीने में कुछ फाइनेंशियल परेशानी हो सकती है, तो पहले ही बैंक से संपर्क करें। जितना जल्दी आप बात करेंगे, उतनी जल्दी समाधान मिलेगा। EMI बाउंस हो जाने के बाद बात करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है, लेकिन अगर आप पहले ही बता दें तो बैंक आपको कई विकल्प दे सकता है।
सिबिल स्कोर आपकी फाइनेंशियल हेल्थ का एक रिपोर्ट कार्ड होता है। एक बार अगर ये स्कोर खराब हो गया तो दोबारा ठीक करना आसान नहीं होता। इसलिए EMI बाउंस होते ही घबराने के बजाय समझदारी से काम लें और ऊपर दिए गए चार तरीकों में से जो भी आपकी स्थिति के अनुसार बेहतर लगे, उसे अपनाएं।
थोड़ी सी समझदारी और समय पर लिया गया एक छोटा कदम आपको भविष्य की बड़ी मुसीबत से बचा सकता है। इसलिए हालात चाहे जैसे भी हों, कोशिश करें कि EMI समय पर भरी जाए – और अगर कभी चूक हो भी जाए, तो इन तरीकों से उसे संभाल लिया जाए।