EMI Bounce – आजकल लोन लेना कोई बड़ी बात नहीं रह गई है। घर खरीदना हो, गाड़ी लेनी हो, बच्चों की पढ़ाई या नया बिजनेस शुरू करना हो – हर किसी को कभी न कभी लोन की जरूरत पड़ती ही है। बैंक भी अब आसानी से लोन दे देते हैं, लेकिन असली परेशानी तब शुरू होती है जब किसी कारणवश EMI समय पर नहीं चुकाई जा सके।
ऐसी सिचुएशन में ना सिर्फ मानसिक तनाव बढ़ता है बल्कि सबसे बड़ा नुकसान होता है सिबिल स्कोर पर। अगर EMI बाउंस होती है या देर से चुकाई जाती है, तो इसका सीधा असर आपके फाइनेंशियल फ्यूचर पर पड़ता है। चलिए जानते हैं कि अगर लोन चुकाने में परेशानी आ रही हो, तो क्या करना चाहिए ताकि आपका सिबिल स्कोर भी सुरक्षित रहे और बैंक भी नाराज न हो।
EMI भरने में दिक्कत है तो बैंक से बात करें
अगर आप किसी वजह से EMI नहीं भर पा रहे हैं, तो सबसे पहले बैंक मैनेजर से मिलिए। अपनी दिक्कत को खुलकर बताइए। अक्सर लोग इस स्थिति को छुपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे नुकसान ही होता है।
- बैंक को बताएं कि आपकी परेशानी अस्थायी है और जानबूझकर EMI नहीं रोक रहे।
- उनसे निवेदन करें कि EMI का स्ट्रक्चर थोड़ा बदला जाए ताकि आप इसे आसानी से भर सकें।
- साथ ही रिक्वेस्ट करें कि आपकी इस स्थिति की जानकारी फिलहाल सिबिल को न भेजी जाए।
अगर आपने अब तक समय पर किस्तें भरी हैं और पहली बार दिक्कत आई है, तो बैंक जरूर मदद करेगा।
नुकसान को वक्त रहते रोकना है
अगर आपने लगातार तीन महीने तक EMI नहीं भरी तो यह आपकी सिबिल रिपोर्ट में दर्ज हो जाता है। बैंक हर तीन महीने में आपकी लोन स्टेटस रिपोर्ट सिबिल ब्यूरो को भेजता है।
- जैसे ही एक EMI छूटे, तुरंत सतर्क हो जाएं।
- बैंक से बात करके रिपोर्टिंग में थोड़ी मोहलत मांगें।
- पिछली और आने वाली EMI समय पर भरने का भरोसा दें।
याद रखिए, एक खराब सिबिल स्कोर का मतलब है कि भविष्य में कोई भी लोन लेना काफी मुश्किल हो जाएगा।
EMI होल्ड का ऑप्शन चुन सकते हैं
अगर आपकी आर्थिक परेशानी कुछ समय की है – जैसे नौकरी चली गई हो, किसी की तबीयत खराब हो या कोई फैमिली इमरजेंसी हो – तो आप बैंक से EMI होल्ड करने का रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
इससे आपको थोड़े समय के लिए EMI नहीं भरनी पड़ेगी और:
- न कोई लेट फीस लगेगी
- न कोई जुर्माना देना होगा
- और सिबिल स्कोर पर भी असर नहीं पड़ेगा
हालांकि, EMI होल्ड का फायदा लेने से पहले इसकी शर्तों को ध्यान से पढ़ लें क्योंकि हो सकता है कि बाद में एक साथ ज्यादा रकम भरनी पड़े।
EMI डेट में बदलाव कराएं
कई बार नौकरीपेशा लोगों को सैलरी महीने के आखिर में मिलती है, जबकि EMI महीने की शुरुआत में कटती है। ऐसे में अक्सर पैसे की कमी के कारण EMI बाउंस हो जाती है।
इस सिचुएशन में आप बैंक से रिक्वेस्ट कर सकते हैं कि EMI की डेट को सैलरी डेट के अनुसार बदल दिया जाए। बैंक आपकी EMI डेट को महीने के आखिर में शिफ्ट कर सकता है जिससे आपकी पेमेंट टाइम पर हो पाएगी और सिबिल स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
शुरुआत से ही सही प्लानिंग जरूरी है
अगर आपने अभी-अभी लोन लिया है या लेने की सोच रहे हैं, तो शुरुआत से ही कुछ बातों का ध्यान रखें:
- हमेशा बजट बनाकर खर्च करें ताकि EMI देना बोझ न बने
- कोई भी दिक्कत हो तो तुरंत बैंक से संपर्क करें
- जरूरत से ज्यादा लोन लेने से बचें
- और समय-समय पर अपना सिबिल स्कोर जरूर चेक करते रहें
लोन EMI चुकाना जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है अपने सिबिल स्कोर को बनाए रखना। थोड़ी सी समझदारी और वक्त रहते उठाए गए सही कदम आपको डिफॉल्टर बनने से बचा सकते हैं। तो अगर EMI भरने में परेशानी हो रही है, तो चुप रहने की बजाय बैंक से खुलकर बात करें, विकल्पों पर गौर करें और अपने फाइनेंशियल फ्यूचर को सुरक्षित रखें।