EPS Scheme – बुढ़ापे में पैसों की टेंशन किसे नहीं होती, खासकर जब प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग रिटायर होते हैं और उनकी पेंशन सिर्फ 1,000 रुपये महीने होती है। अब सोचिए, इतनी कम रकम में घर कैसे चलेगा? लेकिन अब इसी परेशानी का हल निकालने की कोशिश की जा रही है।
EPS स्कीम में बड़ा बदलाव होने वाला है। सरकार की योजना है कि EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना के तहत मिलने वाली मिनिमम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹8,500 कर दिया जाए। यह खबर लाखों प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए राहत की सांस की तरह है।
EPS स्कीम क्या है?
EPS यानी Employees’ Pension Scheme, जिसे EPFO यानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन चलाता है। इस योजना के तहत, प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले लोगों को रिटायरमेंट के बाद एक तय पेंशन मिलती है। इसमें कर्मचारी की सैलरी से भी हिस्सा कटता है और कंपनी की तरफ से भी EPS में योगदान दिया जाता है। अभी तक लोगों को रिटायरमेंट के बाद केवल ₹1,000 महीने की पेंशन मिल रही थी, लेकिन अब इसे बढ़ाने की बात चल रही है।
पेंशन बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी?
जैसे-जैसे महंगाई बढ़ रही है, ₹1,000 की पेंशन किसी काम की नहीं रही। दवाइयों से लेकर खाने-पीने तक, हर चीज़ महंगी हो गई है। ऐसे में कर्मचारियों की यूनियन और संगठनों ने सरकार से बार-बार गुहार लगाई कि EPS पेंशन बढ़ाई जाए। अब सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है।
नया प्रस्ताव क्या कहता है?
सरकारी समिति ने EPS में कुछ अहम बदलावों का सुझाव दिया है। जैसे:
बदलाव का नाम | पहले क्या था | अब क्या प्रस्ताव है |
---|---|---|
न्यूनतम पेंशन | ₹1,000 प्रति माह | ₹8,500 प्रति माह |
अंशदान प्रतिशत | 8.33% (नियोक्ता द्वारा) | वही रहेगा |
अधिकतम सैलरी सीमा | ₹15,000 | ₹21,000 प्रस्तावित |
इससे लगभग 23 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा।
इससे आम लोगों की जिंदगी पर क्या असर होगा?
मान लीजिए मेरठ के रहने वाले सुरेश कुमार, जो 28 साल से एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रहे थे, अब रिटायर हो चुके हैं। अभी उन्हें सिर्फ ₹1,000 महीने की पेंशन मिल रही है। इससे न तो दवाइयां खरीदी जा सकती हैं और न ही किराया भर सकते हैं। लेकिन अगर ये पेंशन ₹8,500 हो जाती है तो उनकी जिंदगी थोड़ी आसान हो जाएगी। ऐसे लाखों लोग हैं जिनके लिए ये कदम जिंदगी बदल देने वाला हो सकता है।
किन्हें मिलेगा इसका फायदा?
- जिन लोगों ने EPFO में 10 साल या उससे ज्यादा की नौकरी की है
- जिनकी पेंशन अभी ₹1,000 या उससे कम है
- प्राइवेट सेक्टर के वे कर्मचारी जिनकी सैलरी कम थी और EPS में कम योगदान गया
क्या कोई दिक्कतें भी हैं?
बिलकुल। EPS स्कीम पहले से ही घाटे में चल रही है। अगर सरकार पेंशन बढ़ाती है तो उसे फंडिंग का इंतजाम करना होगा। इसके अलावा:
- तकनीकी और प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी होगी
- डेटा अपडेट रखने की जिम्मेदारी कर्मचारियों की भी होगी
- सरकार को लॉन्ग टर्म के लिए ठोस नीति बनानी होगी
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आप EPS स्कीम के तहत आते हैं, तो ये चीज़ें ज़रूर कर लें:
- अपना UAN नंबर एक्टिव रखें
- EPFO पोर्टल पर जाकर अपना डेटा चेक करें
- अगर कोई गलती है तो अपने पुराने नियोक्ता से संपर्क करें
- EPS से जुड़े डॉक्युमेंट्स अपडेट रखें
मेरी एक कहानी
मेरे एक जानने वाले प्राइवेट स्कूल में टीचर थे। रिटायर होने के बाद उन्हें बस ₹1,000 की पेंशन मिलती थी। बहुत परेशानी में थे। जब मैंने उन्हें EPS स्कीम के नए अपडेट के बारे में बताया, तो वो थोड़ी राहत महसूस करने लगे। मैंने खुद जाकर उनका EPFO डेटा अपडेट करवाया। ये अनुभव बता गया कि अगर आप जागरूक हैं तो आपको स्कीम का पूरा फायदा मिल सकता है।
EPS पेंशन में हाइक सिर्फ एक नंबर नहीं है। यह लाखों लोगों की जिंदगी को आसान बनाने वाला फैसला हो सकता है। ये न केवल फाइनेंशियल सुरक्षा देता है, बल्कि रिटायरमेंट के बाद सम्मान से जीने का हक भी देता है।
तो अगर आप भी EPS स्कीम में आते हैं, तो अपना डेटा अपडेट रखें, पोर्टल पर लॉगिन करते रहें और किसी भी सरकारी अपडेट को नज़रअंदाज़ न करें।