Fitment Factor Hike – सरकारी नौकरी करने वालों के लिए अच्छी खबर है। 7वां वेतन आयोग अब अपने आखिरी दौर में है और कर्मचारियों को अब 8वें वेतन आयोग का बेसब्री से इंतजार है। हर 10 साल पर नया वेतन आयोग लागू होता है, और पिछली बार 7वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2016 से लागू किया गया था। अब समय है 8वें वेतन आयोग का, और इस बार चर्चा का सबसे बड़ा मुद्दा है “फिटमेंट फैक्टर”।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
जब भी कोई नया वेतन आयोग लागू होता है, तो कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए एक विशेष गणना की जाती है जिसे फिटमेंट फैक्टर कहते हैं। ये दरअसल एक तरह का गुणक होता है जो पुराने बेसिक वेतन से गुणा होता है और फिर नई बेसिक सैलरी तय की जाती है।
इस बार अगर सरकार 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करती है, तो जिनकी मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है, वह बढ़कर सीधे 51,000 रुपए प्रति माह तक पहुंच सकती है। यानी कि सैलरी में जबरदस्त उछाल आ सकता है।
डीए और डीआर का भी होगा असर
सिर्फ बेसिक सैलरी ही नहीं, डीए यानी महंगाई भत्ता और डीआर यानी पेंशनधारकों को मिलने वाली राहत पर भी इसका सीधा असर पड़ेगा। महंगाई भत्ते की मदद से कर्मचारियों की आमदनी पर जो अतिरिक्त भार पड़ता है, उसे कुछ हद तक संतुलित किया जाता है।
अभी 7वें वेतन आयोग के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों को 55 प्रतिशत डीए मिल रहा है। लेकिन जब नया वेतन आयोग लागू होगा, तो डीए को मौजूदा बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि डीए दोबारा शून्य से शुरू होगा और फिर समय-समय पर बढ़ाया जाएगा।
पहले भी हुआ है ऐसा
अगर पीछे जाकर देखें तो 7वें वेतन आयोग से पहले, कर्मचारियों को 125 प्रतिशत डीए मिल रहा था, जिसे नए वेतन ढांचे में जोड़ दिया गया था और फिर डीए को शून्य से गिनना शुरू किया गया था। यही प्रक्रिया 8वें वेतन आयोग में भी दोहराई जाएगी।
यानि कुल मिलाकर, आपकी मौजूदा बेसिक सैलरी में डीए को जोड़कर एक नई बेसिक सैलरी बनेगी और उस पर नया फिटमेंट फैक्टर लागू होगा। इसके बाद सैलरी फिर से रीसेट होकर शून्य डीए से आगे बढ़ेगी।
सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार का प्लान
सरकार इस बार कई सैलरी बढ़ोतरी के फॉर्मूले पर विचार कर रही है लेकिन सबसे प्रमुख विकल्प फिटमेंट फैक्टर ही माना जा रहा है। इस फैक्टर के जरिए पुराने वेतन को सीधे नए ढांचे में बदला जा सकता है, जिससे न तो बहुत जटिल प्रक्रिया अपनानी पड़ती है और न ही समय ज्यादा लगता है।
फिटमेंट फैक्टर को लागू करने से न सिर्फ बेसिक सैलरी बढ़ेगी बल्कि इसके साथ मिलने वाले सारे भत्तों और पेंशन पर भी असर पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर, अगर 2.86 का फैक्टर लागू होता है, तो 18,000 रुपए की मौजूदा बेसिक सैलरी सीधे 51,480 रुपए तक पहुंच सकती है।
आधिकारिक पुष्टि नहीं, लेकिन उम्मीदें बहुत
हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन कर्मचारियों के बीच उम्मीदें ज़बरदस्त हैं। सोशल मीडिया से लेकर तमाम सरकारी कर्मचारी संगठन इस मुद्दे को लेकर सक्रिय हैं।
कई रिपोर्ट्स का दावा है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस पर कोई बड़ा फैसला ले सकती है, खासकर जब लोकसभा चुनावों के बाद नई सरकार काम पर लौटेगी।
कौन-कौन होंगे इससे लाभान्वित?
अगर 8वां वेतन आयोग और 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो इसका फायदा सीधे तौर पर केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को होगा।
- सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के शिक्षक
- केंद्रीय मंत्रालयों में काम करने वाले कर्मचारी
- रेलवे, डाक विभाग, रक्षा मंत्रालय जैसे बड़े विभागों में काम करने वाले लोग
- सेवानिवृत्त कर्मचारी यानी पेंशनर्स
इन सभी की आमदनी में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा।
सरकारी कर्मचारियों के लिए 8वां वेतन आयोग और 2.86 का फिटमेंट फैक्टर एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। अगर यह लागू होता है, तो सैलरी में तीन गुना तक का इजाफा हो सकता है।
हालांकि अभी सरकार की ओर से कोई ठोस फैसला नहीं आया है, लेकिन तैयारियां और चर्चाएं जोरों पर हैं। अब देखना यह है कि क्या सरकार वाकई कर्मचारियों की उम्मीदों पर खरी उतरती है या फिर इस पर अभी और इंतजार करना पड़ेगा।