Petrol Diesel Price Today – महंगाई के इस दौर में अगर आपको हर महीने की शुरुआत में अपने खर्चों का हिसाब देखकर टेंशन होती है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में जल्द ही बड़ी राहत मिल सकती है। खबर ये है कि सरकार पेट्रोल में 12 रुपये और डीजल में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो ये आम जनता के लिए काफी सुकून देने वाला फैसला साबित हो सकता है।
पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार ऊंचाई पर बनी हुई थीं, जिसकी वजह से ट्रांसपोर्टेशन से लेकर रोजमर्रा की चीजों तक सब महंगा हो गया है। क्योंकि जब ईंधन महंगा होता है, तो उसका सीधा असर सामान की कीमतों पर पड़ता है। अब जब सरकार कीमतें घटाने की तैयारी कर रही है, तो उम्मीद है कि बाकी चीजों की कीमतें भी कंट्रोल में आ सकती हैं।
क्यों सस्ते हो सकते हैं पेट्रोल और डीजल
असल में, बीते कुछ दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली है। 31 मार्च को ब्रेंट क्रूड ऑयल करीब 74 डॉलर प्रति बैरल के आसपास था, लेकिन अब यह गिरकर 60 डॉलर के पास पहुंच गया है। यानी 14 डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस गिरावट का सीधा फायदा भारत जैसे देश को मिल सकता है, क्योंकि हम अपना ज्यादातर कच्चा तेल बाहर से खरीदते हैं।
सरकारी सूत्रों का कहना है कि अगर तेल की यह कीमत कुछ और समय तक इसी तरह नीचे बनी रही, तो पेट्रोल-डीजल की घरेलू कीमतों में भी कमी आ सकती है। और ये फैसला बहुत जल्दी लिया जा सकता है।
सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का फैसला तेल और गैस रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी ओजीआरए और वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा। ओजीआरए इस वक्त कीमतों की समीक्षा कर रहा है और जल्द ही रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगा। अगर मंत्रालय इस रिपोर्ट को मंजूरी दे देता है, तो अगले कुछ हफ्तों में हमें पेट्रोल और डीजल सस्ते मिलने लगेंगे।
अगर ऐसा होता है, तो मध्यम वर्ग और छोटे कारोबारियों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। जिनकी आमदनी सीमित है और जिनका काफी पैसा हर महीने सिर्फ ईंधन पर खर्च हो जाता है, उनके लिए यह राहत किसी तोहफे से कम नहीं होगी।
फ्यूल टैक्स का भी है बड़ा रोल
आज की तारीख में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक बड़ा हिस्सा टैक्स का होता है। सरकार करीब 70 रुपये प्रति लीटर तक टैक्स वसूलती है, जिसमें केंद्र और राज्य दोनों के टैक्स शामिल होते हैं। इसी वजह से इंटरनेशनल मार्केट में तेल सस्ता होने के बावजूद, ग्राहकों को इसका पूरा फायदा नहीं मिल पाता।
अब चर्चा ये भी हो रही है कि सरकार फ्यूल को जीएसटी के दायरे में लाने की योजना बना रही है। अगर ऐसा होता है, तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में पूरे देश में एकरूपता आ सकती है और टैक्स स्ट्रक्चर भी थोड़ा आसान हो जाएगा।
सस्ता तेल, सस्ता ट्रांसपोर्ट, कम महंगाई
अगर सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटा दिए, तो इसका फायदा सिर्फ वाहन चालकों को ही नहीं मिलेगा, बल्कि इसका असर पूरी अर्थव्यवस्था पर दिखेगा। ट्रांसपोर्ट सस्ता होगा, ट्रकों और मालवाहनों का खर्च कम होगा, जिससे रोजमर्रा की चीजें जैसे सब्जी, दूध, किराना आदि भी सस्ते हो सकते हैं।
एक टैक्सी ड्राइवर रमेश कुमार बताते हैं कि अगर पेट्रोल-डीजल सस्ता होता है, तो उनकी आमदनी में सुधार आएगा। अभी का हाल ये है कि आधी कमाई सिर्फ फ्यूल में चली जाती है।
ऑटो सेक्टर और लॉजिस्टिक्स को भी मिलेगी राहत
सस्ते ईंधन से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री और लॉजिस्टिक्स सेक्टर को भी बूस्ट मिलेगा। गाड़ियां चलाने का खर्च कम होगा, लोग ज्यादा ट्रैवल कर पाएंगे और छोटे ट्रांसपोर्टर की लागत भी घटेगी। इससे बिजनेस बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी।
अभी राहत की उम्मीद, लेकिन सतर्क रहना जरूरी
फिलहाल तो हालात सकारात्मक लग रहे हैं, लेकिन दुनिया भर में तेल की कीमतों को कई कारक प्रभावित करते हैं। अगर किसी देश में राजनीतिक तनाव बढ़ता है, या सप्लाई चेन में कोई दिक्कत आती है, तो कीमतें फिर से ऊपर जा सकती हैं। इसलिए सरकार को चाहिए कि दीर्घकालिक नीति बनाकर वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा दे और पेट्रोल-डीजल की निर्भरता को थोड़ा कम करे।
अगर आप भी हर बार पेट्रोल पंप पर बढ़ी हुई कीमत देखकर सोचते हैं कि ये कम कब होगा, तो शायद अब वो दिन दूर नहीं है। आने वाले कुछ हफ्तों में आपको पेट्रोल 12 रुपये और डीजल 10 रुपये तक सस्ता मिल सकता है। इससे सिर्फ जेब को राहत नहीं मिलेगी, बल्कि महंगाई पर भी थोड़ा ब्रेक लग सकता है। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस पर कोई सकारात्मक फैसला लेगी।